Tuesday, September 26, 2017

मेरा लाल


तु है लाल मेरा
तुझसे है मेरी दुनिया
तु मेरी दुवाओं का
आशिर्वाद है
मेरी हर एक सांस
अब तेरा कर्जदार है
तु जब हंस दे
तो दिन है और रात है
तेरी हर एक अदा पर
मेरी जान निसार है
तु खेले खेल-खिलौने
पर मेरा खिलौना है तु
तेरा हंसना
तेरा रोना
तेरी बदमाशियां
आज सब पर मुझे प्यार है 
तु है लाल मेरा।।


Written by Radha

बाइकर्स



पहले तो कहा जाता था कि चार पैर वाले दो पैर वालों से ज्यादा तेज होते हैं...वो फटाफट कहीं भी -जा सकते हैं...मगर आज जमाना कुछ उल्टा ही चल रहा है... दो पैर वाले हवाई जहाज जैसे उड़ान भरने लगें हैं... इनके आगे तो हवाई जहाज भी शर्मिंदा हो जाए ... ये दो पैर वाले हम जैसे दो पैर वालों के नाक में दम कर के रखा है... इनसे हमें डर-डर कर चलना पड़ता है, पता नहीं कब ये आए और हमें लंगड़ी मार के निकल जाएं


अब तो आप समझ ही गए होंगे... मैं किसकी बात कर रही हूं...


जी हां ... आज के जमाने के बाइकर्स... लगता है इनके मां बाप ने इनको बाईक नहीं हवाई जहाज दे दिया हो... ऐसे सड़क पर बाईक चलाते हैं जैसे सड़क उनके बाप की हो... और तो और बाईक स्टंट भी करने लगते हैं... जैसे उनको देख लगता हो कि, किसी बात का गुस्सा निकाल रहे हों बाईक से।

वो ये नहीं देखते कि सड़क पर और भी गाडियां चलतीं हैं...लोग चल सकते हैं...पर उनको इसका कोई फ़िक्र नहीं... आज सड़क किनारे खड़े होने पर भी डर लगने लगा है...डर का कारण इनका बाईक को जिगजैग कर के चलाना।

अरे भाई ये बाईक है कोई हवाई जहाज नहीं, जो उड़ा रहे हो।

हमें हमेशा कहा जाता था कि सड़क किनारे से चलना , सड़क के बीच मत चलना...पर अब हमारे परिजन क्या कहेंगे...यही कि घर से बाहर मत निकलना।

अरे इनके परिवार वालों को समझाना चाहिए कि , ये खुद तो मरेंगे, साथ साथ दुसरों को भी मारेंगे।


Written by Radha

Saturday, September 23, 2017

क्या हो तुम !

क्या हो तुम
जो समझते हो खुद को
तुम छंद मात्र  हो
एक पानी का बुलबुला
जो उगे तो हो
पर मिटना तय है
करते हो बड़ी-बड़ी बात
पर वो तो लगती है
तुच्छ मात्र
अपनी इच्छाओं की बात करते हो
दुसरे की इच्छाओं का
क्या कभी सोचते हो?
काले घेरे में 
आंखें क्यों छिपाते हो
सच को देखो
अपनी कमी को समझो
क्या सो चुके हो तुम
अब तो जाग जाओ
सबेरा हो चुका
कब तक रात मनाओगे
कभी तो सुबह लाओगे।





Witten by Radha

Monday, September 4, 2017

हस मत पगली प्यार हो जाएगा ☺

हस मत पगली प्यार हो जाएगा....
रो मत पगली , मैं फिर आउँगा
गुस्सा नहीं पगली, प्यार चाहिए....

ये सारे वाक्य आपको ट्रकों और बसो में देखने को मिल जाएगें...पर क्या आपने कभी सोचा है ...ये ट्रक वाले ऐसा क्यों लिखवाते हैं अपने बसो में...
हा हा हा.....

भई मुझे तो नहीं पता कि क्यों ये अटपटे वाक्य लिखवाते हैं... पर जो भी कहिए पढ़ कर बहुत मजा आता है और हंसी भी आती है...

सायद बस ड्राईवर (हस मत पगली प्यार हो जाएगा)इस लिए लिखवाता है सायद वो हर पगली की हंसी पर खुद पागल होना चाहता हो...पर भगवान वो पागल हो, हमें क्यों हंसा हंसा के पागल बना रहा है...

मैं तो आजकल बसो का प्रयोग ज्यादा ही कर रही हूँ...और न चाहते हुए भी मेरी नज़र इन लिखे वाक्यों पर चली ही जाती है तब मुझे बड़ा हंसी आती है और सोच में पर जाती हूँ की आखिर ये पगली कौन सी बला है ...जिसके पिछे पुरा बस ड्राईवर पड़ा है...
हा हा हा....

मुझे मिल जाए ना वो पगली...तो सच में उसे पगली बना दूँ...और पागलखाने भिजवा दूं...☺






अब भी दिल रो देता है

अब भी दिल रो देता है जब भी उन गलियों से गुजरती हूं तेरे होने का एहसास होता है अचानक से कदम खुद रुक जाते हैं और मैं वहीं एक टक तुम्हें वही ढु...